रायपुर (विश्व परिवार)। आस्था और उत्साह का लोकपर्व छठ महापर्व दिनांक 17 नवंबर को छठ का पहले दिन नहाय खाय से शुरू हो गया। जिसमे छठवर्ती स्नान कर भगवान सूर्यदेव को जल अर्पण कर पवित्र तरीके से बने लौकी की सब्जी और चने का दाल, चांवल शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण कर छठ महापर्व की शुरुआत की गई। डीडीयूनगर निवासी श्रीमती रेणू गौतम, एकता नगर गुढिय़ारी निवासी रेखा सिंह ने बताया कि सुहागिनों के लिए अत्यंत पवित्र पर्व के रूप में छठी माई का उपवास किया जाता है। पर्व के दूसरे दिन यानी 18 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पंचमी व्रतधारी को पूरे दिन उपवास रखने के बाद शाम को भोजन करते है, इसे खरना कहा जाता है। खरना का प्रसाद बहुत ही फलदायक होता जिसे ग्रहण करने के लिए मित्रो और रिश्तेदारों को भी आमंत्रण दिया जाता है। प्रसाद के रूप में दूध से बने हुए चांवल की खीर, रोटी और प्राकृतिक फल चढ़ाते हैं, जिसे प्रसादी के रूप ग्रहण किया जाता है।